Navratri 2019- दुर्गा सप्तशती पाठ करते समय रखें ये सावधानियां
आज नवरात्री का दूसरा दिन है। आज आपको माँ दुर्गा की उपासना के बारे में बतायेगे. नवरात्रि के दौरान बहुत से लोग दुर्गा सप्तशती का पाठ करते है लेकिन ये नहीं जानते है की अगर सही तरीके से नहीं किया जाये तो माँ क्रोधित हो जाती है। दुर्गा सप्तशती में १३ अध्याय है जिसमे माँ दुर्गा की महिमा बताई गयी है। ऐसा माना जाता है की दुर्गा सप्तशती का विधि-विधान पूर्वक पाठ करने से ही मन चाहा फल की प्राप्ति होती है। इस लेख के माध्यम से हम बतायेगे की कौन-कौन सावधानियां बरतनी चाहिए।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का सही तरीका, सावधानियाँ।
१. देवी पुराण में, पूजा करने का सही समय सुबह बताया गया है। सुबह के समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दुर्गा सप्तशती के पाठ करने से पहले प्रथम पूज्य भगवान् गणेश की पूजा करना चाहिए। नवरात्री में कलश की स्थापना की जाती है, तो कलश की पूजा करे फिर नवग्रह की पूजा करे और फिर अखंड ज्योतिदीप की पूजा करे।
२. दुर्गा सप्तशती किताब की पूजा- दुर्गा सप्तशती पाठ से पहले सप्तशती किताब को लाल कपडे पर रखे फिर विधि-विधान पूर्वक अक्षत, चन्दन, फूल से पूजा करें।
३. पाठ करने का तरीका :- दुर्गा सप्तशती पाठ पूर्व दिशा में मुँह करके करना चाहिए तथा अपने कपाल पर अक्षत और चन्दन लगाना चाहिए और चार बार आचमन करें।
४. अगर एक दिन में दुर्गा सप्तशती का पाठ संभव ना हो पाए, तो पहले दिन केवल मध्यम चरित्र का पाठ करना चाहिए। फिर अगले दिन बचे हुए दो चरित्र का पाठ करना चाहिए।
५. इसके अलावा दूसरा तरीका ये है कि पहले दिन प्रथम अध्याय का एक पाठ, दूसरे दिन द्विती अध्याय का दो आवृति पाठ और तृतीय अध्याय का पाठ, तीसरे दिन चौथे अध्याय का एक आवृति पाठ, चौथे दिन पंचम, षष्ठ, सप्तम और अष्टम अध्याय का पाठ, पांचवें दिन नवम और दशम अध्याय का पाठ, छठे दिन ग्यारहवां अध्याय का पाठ, सातवें दिन १२वें और १३वें अध्याय का पाठ। इसके बाद एक आवृति पाठ दुर्गा सप्तशती की करनी चाहिए।
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